न्यूयॉर्क: यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कूटनीतिक कदम उठाते हुए, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि वह रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से सऊदी अरब में मुलाकात करने की योजना बना रहे हैं। बुधवार सुबह पुतिन से फोन पर बातचीत के बाद, ट्रंप ने वाशिंगटन में संवाददाताओं से कहा, “हमारी कई बैठकें होंगी, और पहली बार हम सऊदी अरब में मिलेंगे।”
शांति वार्ता की दिशा में बढ़ते कदम
ट्रंप ने कहा कि अमेरिका यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने के लिए वार्ता को बढ़ावा देगा और इसके लिए एक विशेष वार्ता दल गठित किया जा रहा है, जिसमें विदेश मंत्री मार्को रुबियो और केंद्रीय खुफिया एजेंसी (CIA) के निदेशक जॉन रैटक्लिफ शामिल होंगे। उन्होंने बताया कि शुक्रवार को म्यूनिख में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की जाएगी, जिसमें अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व उपराष्ट्रपति जे.डी. वेंस और विदेश मंत्री मार्को रुबियो करेंगे।
म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन में होगी अहम चर्चा
अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन में भाग लेने के लिए जर्मनी जाएगा, जहां कई देशों के विदेश मामलों, रक्षा और सुरक्षा विशेषज्ञ मौजूद रहेंगे। ट्रंप ने कहा कि वह और पुतिन इस बात पर सहमत हैं कि “हम रूस-यूक्रेन युद्ध में हो रही लाखों मौतों को रोकना चाहते हैं।”
ज़ेलेंस्की भी शांति वार्ता के पक्ष में
ट्रंप ने कहा कि यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की भी युद्ध समाप्त करने के इच्छुक हैं। उन्होंने बताया, “राष्ट्रपति पुतिन की तरह ज़ेलेंस्की भी शांति चाहते हैं। हमने युद्ध से जुड़े कई अहम विषयों पर चर्चा की।” ट्रंप के लिए यह वार्ता बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि अपने चुनाव अभियान के दौरान उन्होंने दावा किया था कि वे राष्ट्रपति बनने के 24 घंटे के भीतर युद्ध समाप्त कर देंगे। हालांकि, इसे लेकर वास्तविक परिस्थितियाँ कहीं अधिक जटिल साबित हुई हैं।
अमेरिका की शर्तें और रणनीति
बुधवार को अमेरिकी रक्षा सचिव पीट हेगसेथ ने यूक्रेन युद्ध के संभावित अंत के लिए कुछ शर्तें रखीं। उन्होंने कहा कि 2014 से पहले की सीमाओं पर लौटने की संभावना “अवास्तविक” है, जब रूस ने क्रीमिया पर कब्जा कर लिया था। हेगसेथ ने ब्रुसेल्स में यूक्रेन रक्षा संपर्क समूह की बैठक में कहा कि यूक्रेन को नाटो सदस्यता नहीं दी जानी चाहिए और अमेरिका शांति अभियान के तहत वहां सेना नहीं भेजेगा।
सऊदी अरब में वार्ता का रणनीतिक महत्व
ट्रंप और पुतिन की बैठक के लिए सऊदी अरब को चुना जाना कई कूटनीतिक संकेत देता है। इससे न केवल रूस-यूक्रेन वार्ता को मजबूती मिलेगी, बल्कि गाजा संघर्ष के समाधान की संभावनाओं को भी बल मिलेगा। सऊदी अरब के शाही परिवार का इस क्षेत्र में प्रभाव महत्वपूर्ण माना जाता है। ट्रंप ने अपने चुनाव अभियान के दौरान दावा किया था कि गाजा में युद्धविराम होगा और हमास इजरायली बंधकों को रिहा करेगा।
हालांकि, मौजूदा परिस्थितियों में गाजा समझौते को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है। ट्रंप ने हाल ही में कहा था कि अमेरिका फिलिस्तीनी क्षेत्र पर कब्जा कर लेगा और वहां के निवासियों को बाहर कर देगा, जिससे विवाद और गहरा गया है।
चार साल बाद आमने-सामने होंगे ट्रंप और पुतिन
सऊदी अरब में बैठक की अवधि संभवतः सीमित होगी, क्योंकि महीने के अंत में रमजान शुरू हो रहा है। ट्रंप और पुतिन की यह बैठक दोनों देशों के नेताओं के बीच लगभग चार वर्षों में पहली सीधी मुलाकात होगी। यह अमेरिकी कूटनीति में एक बड़ा बदलाव है, क्योंकि पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडेन ने 2021 में पुतिन से मुलाकात के बाद कहा था कि “पुतिन को सत्ता में नहीं रहना चाहिए।”
रूस-अमेरिका संबंधों पर असर
ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर पोस्ट करते हुए कहा कि द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान अमेरिका और रूस के बीच घनिष्ठ सहयोग था, और उन्होंने पुतिन के साथ इस ऐतिहासिक संबंध को लेकर बातचीत की। ट्रंप ने कहा, “हमने अपने-अपने राष्ट्रों की ताकत और सहयोग से मिलने वाले फायदों पर चर्चा की।”
यूक्रेन पर आक्रमण के बाद रूस वैश्विक स्तर पर अलग-थलग पड़ चुका है, जिससे उसका चीन के साथ गठजोड़ मजबूत हुआ है। यह अमेरिका के लिए एक प्रमुख चिंता का विषय है। इसके अलावा, रूस और अमेरिका के बीच परमाणु समझौते को लेकर भी वार्ता आवश्यक हो गई है, क्योंकि नई सामरिक शस्त्र न्यूनीकरण संधि (New START) अगले साल समाप्त हो रही है।
रूसी उप विदेश मंत्री सर्गेई रयाबकोव ने इस सप्ताह कहा कि इस संधि को नवीनीकृत करने की संभावनाएं बनी हुई हैं, जो सामरिक परमाणु हथियारों की संख्या और उनकी तैनाती को नियंत्रित करती है।
क्या शांति वार्ता सफल होगी?
ट्रंप और पुतिन की आगामी बैठक से वैश्विक कूटनीति पर दूरगामी प्रभाव पड़ सकता है। हालांकि, यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि क्या यह वार्ता यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने की दिशा में वास्तविक प्रगति ला पाएगी या नहीं।
(नवीनतम अपडेट और विशेष रिपोर्ट के लिए हमारे साथ बने रहें।)
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