नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और इंडोनेशियाई राष्ट्रपति प्रभोवो सुबियांतो के बीच शनिवार को नई दिल्ली के हैदराबाद हाउस में द्विपक्षीय वार्ता हुई। यह मुलाकात भारत और इंडोनेशिया के रिश्तों को और प्रगाढ़ करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुई है।
नई साझेदारी और समझौतों पर हस्ताक्षर: इस दौरान दोनों देशों के बीच कई महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए। इनमें स्वास्थ्य, डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर और रक्षा क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के विषय शामिल थे। प्रधानमंत्री मोदी ने भारत और इंडोनेशिया के बीच पिछले साल 30 बिलियन डॉलर का व्यापार होने की बात की और कहा कि दोनों देशों के बीच आने वाले समय में फिनटेक, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) और डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे जैसे नए क्षेत्रों में भी सहयोग को बढ़ावा दिया जाएगा।
2025 को भारत-आसियान पर्यटन वर्ष के रूप में मनाया जाएगा
प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी ऐलान किया कि 2025 को भारत-आसियान पर्यटन वर्ष के रूप में मनाया जाएगा। इसका उद्देश्य भारत और इंडोनेशिया के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान और पर्यटन को बढ़ावा देना है। उन्होंने कहा, “हम इस क्षेत्र में शांति, सुरक्षा, समृद्धि और कानून का पालन सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”
समुद्री सुरक्षा और साइबर सुरक्षा पर चर्चा: वार्ता के दौरान समुद्री सुरक्षा और साइबर सुरक्षा के मुद्दों पर भी विस्तार से चर्चा हुई। दोनों देशों ने समुद्र में होने वाले अपराधों को रोकने, आपातकालीन बचाव कार्यों को मजबूत करने और आपसी क्षमता बढ़ाने की दिशा में साझा कदम उठाने का निर्णय लिया। साथ ही, साइबर सुरक्षा और आतंकवाद से मुकाबला करने के लिए आपसी सहयोग बढ़ाने की बात की गई।
भारत और इंडोनेशिया के गहरे सांस्कृतिक संबंध: प्रधानमंत्री मोदी ने भारत और इंडोनेशिया के बीच गहरे ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंधों को भी रेखांकित किया। उन्होंने इंडोनेशिया के पहले गणतंत्र दिवस पर भारत के मुख्य अतिथि के रूप में भागीदारी और प्रंबानन हिंदू मंदिर के संरक्षण में भारत की मदद का उल्लेख किया।
BRICS में इंडोनेशिया की सदस्यता का स्वागत: प्रधानमंत्री मोदी ने इंडोनेशिया की BRICS (ब्रिक्स) में सदस्यता का स्वागत किया और भारत की तरफ से वैश्विक दक्षिण देशों के हितों के लिए सहयोग की प्रतिबद्धता व्यक्त की। दोनों देशों ने क्षेत्रीय और वैश्विक स्तर पर शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए मिलकर काम करने का संकल्प लिया।
राष्ट्रपति प्रभोवो का भारत के प्रति आभार: राष्ट्रपति प्रभोवो ने भारत के ऐतिहासिक समर्थन को याद किया, खासकर स्वतंत्रता संग्राम के दौरान भारत की मदद का जिक्र करते हुए कहा, “भारत हमारे स्वतंत्रता संग्राम का एक मजबूत सहयोगी था।” उन्होंने भारत को गणतंत्र दिवस की बधाई दी और कहा कि इस बार इंडोनेशियाई सैन्य दल ने परेड में हिस्सा लिया, जो एक ऐतिहासिक पल था।
दीर्घकालिक साझेदारी को और मजबूत करने का संकल्प: प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति प्रभोवो ने यह भी कहा कि व्यापार, पर्यटन, स्वास्थ्य, विज्ञान, प्रौद्योगिकी, और अंतरिक्ष जैसे क्षेत्रों में दोनों देशों के बीच दीर्घकालिक रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत किया जाएगा। इसके साथ ही, दोनों नेताओं ने यह भी कहा कि इस सहयोग से दोनों देशों को आपसी लाभ होगा और क्षेत्रीय स्थिरता भी सुनिश्चित होगी।
इस महत्वपूर्ण मुलाकात ने भारत और इंडोनेशिया के रिश्तों को नए आयाम दिए हैं और भविष्य में इन रिश्तों को और मजबूत बनाने के लिए दोनों देशों का सहयोग बढ़ेगा।
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