- पटना के ₹422 करोड़ के डबल-डेकर फ्लाईओवर से बच्चों के नट-बोल्ट हटाने का वायरल वीडियो सामने आया।
- सुरक्षा चिंताओं ने उठाए निर्माण गुणवत्ता पर सवाल।
पटना (खबरी दोस्त): बिहार की राजधानी पटना में हाल ही में उद्घाटन किए गए पहले डबल-डेकर फ्लाईओवर की सुरक्षा को लेकर एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो में कुछ बच्चे इस फ्लाईओवर से नट और बोल्ट हटाते हुए दिखाई दे रहे हैं, जिसने बुनियादी ढांचे की सुरक्षा और निर्माण गुणवत्ता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
यह फ्लाईओवर, जिसे बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 11 जून 2025 को उद्घाटन किया था, अशोक राजपथ पर यातायात जाम को कम करने के लिए बनाया गया है। बिहार राज्य पुल निर्माण निगम लिमिटेड द्वारा ₹422 करोड़ की लागत से निर्मित इस दो-स्तरीय फ्लाईओवर की लंबाई 2.2 किमी है, जो कारगिल चौक से साइंस कॉलेज तक फैला है।
वायरल वीडियो और सोशल मीडिया प्रतिक्रियाएं
वायरल वीडियो में 4-5 बच्चे दिनदहाड़े फ्लाईओवर के नट-बोल्ट हटाते हुए दिखाई दे रहे हैं। एक स्थानीय व्यक्ति द्वारा रिकॉर्ड किए गए इस वीडियो में बच्चे स्थानीय व्यक्ति द्वारा डांटे जाने के बाद भाग गए। वीडियो में बच्चों के चेहरे स्पष्ट नहीं हैं।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर इस वीडियो को साझा करते हुए एक यूजर ने लिखा, “पटना का डबल-डेकर फ्लाईओवर 11 जून को खुला, और ये बच्चे इसके नट-बोल्ट हटा रहे हैं। गंभीर सुरक्षा खतरा!” कुछ यूजर्स ने बच्चों के स्थानीय न होने और संभवतः बांग्लादेशी होने का दावा किया, लेकिन इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। ऐसे दावों को सत्यापित करने के लिए कोई ठोस सबूत उपलब्ध नहीं हैं, और इन्हें सावधानी के साथ देखा जाना चाहिए।
🚨 Patna’s double-decker flyover was opened on June 11, and these kids are seen removing its nuts and bolts. A Serious Safety Hazard!
They don’t appear local, possibly Bangladeshi! pic.twitter.com/Hk0j3LTacm
— Gems (@gemsofbabus_) June 13, 2025
X पर कई यूजर्स ने नट-बोल्ट की गुणवत्ता पर सवाल उठाए। एक यूजर ने टिप्पणी की, “कैसी क्वालिटी के नट हैं जो हाथ से खोले जा सकते हैं?” एक अन्य ने कहा, “वाह, कोई भी इसे खोल सकता है? बहुत सोच-समझकर बनाया गया!” इन प्रतिक्रियाओं ने निर्माण में उपयोग की गई सामग्री और रखरखाव पर सवाल उठाए हैं।
फ्लाईओवर का डिज़ाइन और महत्व
यह डबल-डेकर फ्लाईओवर अशोक राजपथ पर बना है, जो कारगिल चौक (गांधी मैदान के पास) से शुरू होकर पटना मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल (PMCH), पटना यूनिवर्सिटी, और साइंस कॉलेज तक जाता है। इसका ऊपरी डेक (टियर-2) 2175.50 मीटर लंबा है, जो गांधी मैदान से साइंस कॉलेज की ओर जाने वाले यातायात के लिए है, जबकि निचला डेक (टियर-1) 1449.30 मीटर लंबा है, जो पटना कॉलेज से गांधी मैदान की ओर जाने वाले वाहनों के लिए है। दोनों डेक की चौड़ाई 8.5 मीटर है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उद्घाटन के दौरान कहा था कि यह फ्लाईओवर पटना मेट्रो प्रोजेक्ट के साथ मिलकर शहर के यातायात प्रबंधन को और मजबूत करेगा। यह फ्लाईओवर PMCH, पटना यूनिवर्सिटी, और अन्य प्रमुख स्थानों को जोड़ता है, जिससे छात्रों, मरीजों, और स्थानीय निवासियों को लाभ होगा।
फ्लाईओवर में शोर प्रदूषण को कम करने के लिए दोनों डेक पर शोर अवरोधक (नॉइज़ बैरियर) लगाए गए हैं, जो PMCH के मरीजों और पटना यूनिवर्सिटी के छात्रों के लिए शोर को 70% तक कम करने में मदद करेंगे। यह फ्लाईओवर जेपी गंगा पथ और प्रस्तावित PMCH मल्टी-लेवल पार्किंग सुविधा से भी जुड़ेगा, जिससे एम्बुलेंस को बिना ट्रैफिक के अस्पताल तक पहुंचने में आसानी होगी।
बिहार में पुलों की स्थिति
पिछले साल बिहार में 15 पुलों के ढहने की घटनाएं सामने आई थीं, जिन्होंने खराब निर्माण प्रथाओं, घटिया सामग्री, डिज़ाइन दोष, लागत में कटौती, अपर्याप्त निरीक्षण, और बाहरी दबाव जैसे गंभीर मुद्दों को उजागर किया था। इस घटना ने एक बार फिर बिहार में बुनियादी ढांचे की गुणवत्ता और रखरखाव पर सवाल उठाए हैं।
सुरक्षा और जांच की मांग
इस वीडियो ने सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रियाएं उत्पन्न की हैं, जिसमें कई यूजर्स ने फ्लाईओवर की सुरक्षा और निर्माण गुणवत्ता पर सवाल उठाए हैं। कुछ ने बेहतर सुरक्षा उपायों और नियमित निगरानी की मांग की है। अभी तक बिहार राज्य पुल निर्माण निगम लिमिटेड या स्थानीय प्रशासन से इस घटना पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।
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