सर्दियों में सुबह बढ़ता ब्लड प्रेशर आजकल आम समस्या बनती जा रही है। ठंड के मौसम में शरीर को गर्म रखने के लिए ब्लड वेसल्स सिकुड़ जाती हैं, जिससे हार्ट को ब्लड पंप करने में अधिक मेहनत करनी पड़ती है और ब्लड प्रेशर अचानक बढ़ सकता है। खासकर उन लोगों में यह समस्या ज्यादा देखने को मिलती है जो पहले से हाई बीपी, हार्ट डिजीज, डायबिटीज या थायरॉयड जैसी स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे हैं। इसके अलावा बुजुर्ग और कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों के लिए सर्दियों की सुबह और भी ज्यादा खतनाक साबित हो सकती है।
सर्दियों में फिजिकल एक्टिविटी कम हो जाने से शरीर में फैट जमा होने लगता है और वज़न बढ़ना भी बीपी को बढ़ा सकता है। कई लोग ठंड में पानी कम पीते हैं और नमक का सेवन बढ़ा देते हैं, जिस वजह से शरीर में सोडियम लेवल बढ़कर ब्लड प्रेशर को प्रभावित करता है। सुबह अचानक उठकर खड़े हो जाना, तनाव, कम नींद, स्लीप एपनिया और हॉर्मोनल बदलाव भी सर्दियों में सुबह बढ़ता ब्लड प्रेशर के अहम कारण हैं।
विशेषज्ञों के अनुसार, अचानक और असामान्य रूप से बढ़ा हुआ ब्लड प्रेशर मॉर्निंग हाइपरटेंशन का संकेत हो सकता है। डॉक्टर बताते हैं कि सुबह के समय शरीर में कॉर्टिसोल हॉर्मोन का स्तर बढ़ जाता है, जिससे स्वाभाविक रूप से बीपी ऊंचा होता है, लेकिन जब यह जरूरत से ज्यादा बढ़ जाए तो इसे गंभीर मानना चाहिए। इसके लक्षणों में तेज सरदर्द, चक्कर आना, घबराहट, तेज धड़कन, थकान और आंखों में भारीपन महसूस होना शामिल है। इसे अनदेखा करने से हार्ट अटैक और स्ट्रोक का जोखिम बढ़ सकता है, इसलिए समय रहते सही जांच और इलाज बेहद जरूरी है।
सर्दियों में सुबह बढ़ता ब्लड प्रेशर कंट्रोल में रखने के लिए डॉक्टर सलाह देते हैं कि सुबह उठते ही तुरंत खड़े न हों, बल्कि धीरे-धीरे उठें। गर्म कपड़े पहनकर शरीर को ठंड से बचाकर रखें और नियमित रूप से हल्की एक्सरसाइज करें। नमक का सेवन सीमित रखें, संतुलित आहार लें और पानी कम न करें। तनाव कम करना, समय पर दवाइयाँ लेना और बीपी को नियमित मॉनिटर करना भी स्वास्थ्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।




