प्रमुख बातें:
- सौनी योजना: सौराष्ट्र के हर गांव तक पानी पहुंचाने का लक्ष्य।
- सुझलाम सुफलाम योजना: उत्तर गुजरात में जल संकट के समाधान के लिए।
- नर्मदा डैम: पानी के प्रबंधन में क्रांतिकारी कदम।
- महाकाली माता मंदिर झील: क्षेत्रीय जल संरक्षण को बढ़ावा।
अहमदाबाद, महाभारत टाइम्स: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को गांधीनगर जिले के मनसा तालुका के अंबोद गांव में 241 करोड़ रुपये की विभिन्न परियोजनाओं के उद्घाटन और शिलान्यास कार्यक्रम के दौरान गुजरात की जल समस्या के समाधान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के योगदान को याद किया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अमित शाह ने कहा, “गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी ने राज्य के सूखाग्रस्त क्षेत्रों में पानी लाने के लिए कई योजनाओं को लागू किया।”
अमित शाह ने बताया कि कैसे मोदी सरकार की पहल से गुजरात के जल संकट का समाधान हुआ। उन्होंने कहा, “गुजरात के मुख्यमंत्री बनने के बाद नरेंद्र भाई ने राज्य की जल समस्या को हल करने के लिए अथक परिश्रम किया। उनकी योजनाओं ने उत्तर गुजरात में भूजल स्तर को ऊपर उठाने और पीने के पानी की गुणवत्ता में सुधार करने में मदद की।”
शाह ने कांग्रेस द्वारा नर्मदा योजना को बाधित करने के प्रयासों का जिक्र करते हुए कहा, “मोदी ने संघर्ष किया और कांग्रेस द्वारा पैदा की गई बाधाओं को पार कर नर्मदा योजना को सफल बनाया।” उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री बनने के बाद नर्मदा डैम में गेट लगाने का कार्य पूरा हुआ, जिससे हर घर तक पानी पहुंचा।
बुधवार को शाह ने गुजरात में जल प्रबंधन और बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए कई प्रमुख परियोजनाओं का शुभारंभ किया। इनमें अंबोद के महाकाली माता मंदिर में कृत्रिम झील, एक चेक डैम और एक बैराज शामिल हैं। इन परियोजनाओं का उद्देश्य क्षेत्र में जल संरक्षण को बढ़ावा देना है।
अमित शाह ने बताया कि कैसे प्रधानमंत्री मोदी ने ‘सौनी योजना’ और ‘सुझलाम सुफलाम योजना’ जैसी योजनाओं के माध्यम से बारिश के पानी को समुद्र में जाने से रोककर 9,000 झीलों में संग्रहित किया। साथ ही, नर्मदा नदी के अतिरिक्त पानी को झीलों में भेजने और साबरमती नदी पर 14 डैम बनाने से उत्तर गुजरात में भूजल स्तर में सुधार हुआ है।
इन प्रयासों से गुजरात में जल संकट काफी हद तक समाप्त हो गया है, और शाह ने पीएम मोदी के दृष्टिकोण और नेतृत्व की सराहना की।
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