नई दिल्लीः भारतीय अंतरिक्ष एवं अनुसंधान संगठन (इसरो) के ऐतिहासिक 100वें मिशन की उल्टी गिनती आज सुबह शुरू हो गई। इस मिशन के तहत आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित अंतरिक्ष केंद्र से जीएसएलवी रॉकेट के जरिए नेविगेशन उपग्रह एनवीएस-2 का प्रक्षेपण किया। लगभग 20 मिनट उपग्रह कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित कर दिया गया।
ISRO के अनुसार इस सैटेलाइट के मुख्य उपयोग में स्थलीय, हवाई और समुद्री नेविगेशन, सटीक कृषि, बेड़े प्रबंधन, मोबाइल उपकरणों में स्थान-आधारित सेवाएं, उपग्रहों के लिए कक्षा निर्धारण, इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT)-आधारित अनुप्रयोग, आपातकालीन सेवाएं और समय सेवाएं शामिल हैं।
मिशन के दौरान इसरो ने सफलतापूर्क सैटेलाइट को GTO ऑर्बिट में स्थापित कर दिया। चेयरमैन वी नारायणन ने सफल लॉन्च के मौके पर कहा कि मिशन इसरो का 100वां लॉन्च था जो कि कंपनी के लिए महत्वपूर्ण मील का पत्थर बन गया। मिशन का डेटा भी इसरो ने प्राप्त होने की जानकारी दी है। यानी रॉकेट सफलतापूर्वक लॉन्च कर दिया गया और मिशन के सभी सिस्टम सामान्य रूप से काम कर रहे हैं।
GSLV-F15 भारत के भूस्थिर उपग्रह प्रक्षेपण यान (GSLV) की 17वीं उड़ान है और स्वदेशी क्रायो स्टेज के साथ 11वीं उड़ान है। यह स्वदेशी क्रायोजेनिक स्टेज के साथ GSLV की 8वीं परिचालन उड़ान और भारत के अंतरिक्ष केंद्र से 100वां लॉन्च है।
Leave a Comment