देहरादनूः उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी आज मुख्य सेवक सदन में यूसीसी के पोर्टल और नियमावली का लोकार्पण करेंगे। इसके लिए शासन स्तर से तैयारियां भी पूरी हो चुकी हैं।
उत्तराखंड भारत का पहला राज्य होगा, जहां यह कानून प्रभावी होगा। मुख्यमंत्री ने कहा, यूसीसी लागू करने के लिए सभी जरूरी तैयारियां कर ली गई हैं। इनमें अधिनियम की नियमावली को मंजूरी और अधिकारियों की ट्रेनिंग शामिल है।
शादी, तलाक, उत्तराधिकार, लिव-इन रिलेशनशिप को रेगुलेट करेगा
उत्तराखंड यूसीसी विवाह, तलाक, उत्तराधिकार, लिव-इन रिलेशनशिप और इनसे संबंधित अन्य विषयों को रेगुलेट करेगा। यूसीसी में सभी धर्मों में पुरुषों और महिलाओं के लिए समान शादी की उम्र, तलाक के आधार और प्रक्रियाएं तय की गईं हैं, जबकि बहुविवाह और हलाला पर बैन लगाया गया है। असम सहित देश के कई राज्य उत्तराखंड के यूसीसी अधिनियम को एक मॉडल की तरह अपनाने की इच्छा जता चुके हैं।
यूसीसी के लागू होने के बाद उत्तराखंड में हलाला जैसी प्रथा भी बंद हो जाएगी। वहीं उत्तराधिकार में लड़कियों को लड़कों के बराबर की हिस्सेदारी होगी यूसीसी के लागू होने के बाद सभी धर्मों में बच्चों को गोद लेने का अधिकार मिलेगा। हालांकि दूसरे धर्म के बच्चे को गोद नहीं लिया जा सकेगा।
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