नई दिल्ली: गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर घोषित पद्म पुरस्कार 2025 ने उन नायकों को पहचान दी है, जिन्होंने भारतीय समाज, संस्कृति और विकास में अद्वितीय योगदान दिया। इन पुरस्कारों की खास बात यह है कि इसमें न केवल प्रमुख हस्तियों को बल्कि उन अनसुने नायकों को भी शामिल किया गया है, जिनका योगदान आमतौर पर सुर्खियों से दूर रहता है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में इन पुरस्कारों की प्रक्रिया ने पारदर्शिता और समावेशिता को प्राथमिकता दी है। इन पुरस्कारों के जरिए समाज के हर कोने से प्रेरक कहानियों को सामने लाया गया है, जो युवा पीढ़ी के लिए आदर्श बन सकती हैं।

कला, संस्कृति और समाज सेवा के क्षेत्र में सम्मानित हस्तियां

हरविंदर सिंह: ‘कैथल के एकलव्य’ के नाम से मशहूर हरविंदर सिंह ने 2024 पैरालंपिक में स्वर्ण पदक जीतकर भारत का गौरव बढ़ाया। उनकी सफलता विशेष रूप से प्रेरणादायक है, क्योंकि उन्होंने विकलांगता को अपनी कमजोरी नहीं बनने दिया।

लिबिया लोबो सरदेसाई: गोवा की समाजसेवी सरदेसाई ने स्वतंत्रता संग्राम के दौरान ‘वोज़ दा लिबरडाडे’ नामक भूमिगत रेडियो स्टेशन स्थापित किया। यह स्टेशन गोवा को पुर्तगाली शासन से मुक्त कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का माध्यम बना।

गोकुल चंद्र दास: पश्चिम बंगाल के ढाक वादक गोकुल चंद्र दास ने जातिगत भेदभाव को पार कर अपनी कला को नई पहचान दिलाई। उनका संघर्ष और उपलब्धियां भारतीय सांस्कृतिक धरोहर को संजोने का एक उदाहरण हैं।

बाटूल बेगम: राजस्थान की मांड़ और भजन गायिका बाटूल बेगम ने साम्प्रदायिक सौहार्द का संदेश देते हुए भक्ति संगीत को लोकप्रिय बनाया।

परंपरागत कला और शिल्प को संरक्षित करने वाले नायक

  • भिमाव्वा डोड्डाबलप्पा शिल्लेक्यात्रा: 96 वर्षीय भिमाव्वा ने कर्नाटक की तोगालु गोंबेयाटा कठपुतली कला को 70 वर्षों तक संरक्षित किया।
  • वेलु आसान: तमिलनाडु के वेलु आसान ने परियार वाद्य यंत्र परंपरा को चार दशकों तक जीवित रखा।
  • परमार लवजीभाई नागजीभाई: गुजरात के तांगालिया वस्त्र शिल्प को पुनर्जीवित करने में उनकी भूमिका ऐतिहासिक रही है। यह कला 700 साल पुरानी है और अब नए सिरे से सराही जा रही है।

वन्यजीवन, साहित्य और कृषि क्षेत्र में योगदान

  • मारुति भुजंगराव चितामपल्ली: महाराष्ट्र के इस पर्यावरणविद् ने न केवल वन्यजीव अभयारण्यों को संवारा, बल्कि पर्यावरण शिक्षा के क्षेत्र में भी योगदान दिया।
  • जगदीश जोशिला: निमाड़ी साहित्य को बढ़ावा देने वाले मध्य प्रदेश के इस लेखक ने स्थानीय भाषा और संस्कृति को संरक्षित किया।
  • हरिमन शर्मा: हिमाचल प्रदेश के किसान हरिमन शर्मा ने खेती में नए प्रयोग किए और अन्य किसानों को प्रेरित किया।

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारतीय संस्कृति का प्रचार

  • शेखा ए जे अल सबाह: कुवैत की योग प्रशिक्षक शेखा ने खाड़ी देशों में योग का प्रचार किया।
  • जोनास मसेटी: ब्राजील के इस इंजीनियर ने भारतीय आध्यात्मिकता को अपनाकर इसे वैश्विक मंच पर स्थापित किया।
  • कोलीन और ह्यूग गैंट्ज़र: ये प्रसिद्ध ट्रैवल लेखक, जिन्होंने भारत की विविधता और खूबसूरती को दुनिया के सामने पेश किया।

पद्म पुरस्कारों की विशेषताएं

इस बार के पुरस्कारों में उन क्षेत्रों पर ध्यान दिया गया, जो आमतौर पर मुख्यधारा से अछूते रहते हैं। सरकार ने न केवल कला और संस्कृति बल्कि खेल, पर्यावरण, कृषि, और योग जैसे क्षेत्रों में भी योगदान देने वाले लोगों को सम्मानित किया है।

टाइटल:

पद्म पुरस्कार 2025: अनसुने नायकों को मिला सम्मान, पढ़ें पूरी खबर

मेटा विवरण:
पद्म पुरस्कार 2025 में हरविंदर सिंह, लिबिया लोबो सरदेसाई समेत कला, संस्कृति, समाज सेवा, और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारतीय संस्कृति के प्रचार में योगदान देने वाले कई अनसुने नायकों को सम्मानित किया गया।

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