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पीएम मोदी और इंडोनेशियाई राष्ट्रपति की ऐतिहासिक बैठक, रक्षा, व्यापार और सामरिक सहयोग को मिलेगा नया आयाम

पीएम मोदी और इंडोनेशियाई राष्ट्रपति की ऐतिहासिक बैठक

नई दिल्ली: गणतंत्र दिवस 2025 के मुख्य अतिथि और इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो की भारत यात्रा ने दोनों देशों के बीच रिश्तों को नई मजबूती दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और प्रबोवो सुबियांतो के बीच हुई द्विपक्षीय वार्ता में रक्षा, व्यापार, समुद्री सुरक्षा, और आतंकवाद विरोधी कदमों पर अहम समझौते हुए। यह वार्ता इसलिए भी खास है क्योंकि इंडोनेशिया न केवल आसियान की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, बल्कि दुनिया में सबसे बड़ी मुस्लिम आबादी वाला देश भी है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “इंडोनेशिया, भारत का एक महत्वपूर्ण रणनीतिक साझेदार है। इंडो-पैसिफिक और आसियान क्षेत्र में शांति और समृद्धि बनाए रखने के लिए दोनों देश मिलकर काम करेंगे।” भारत ने “एक्ट ईस्ट पॉलिसी” के तहत आसियान की केंद्रीयता और एकता को प्राथमिकता दी है।

रक्षा सहयोग में नए कदम

भारत और इंडोनेशिया ने रक्षा क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए:

  • इंडोनेशिया जल्द ही भारत में एक उच्च स्तरीय रक्षा टीम भेजेगा।
  • दोनों देश संयुक्त सैन्य अभ्यास, प्रशिक्षण और रक्षा उपकरणों के रखरखाव पर काम करेंगे।
  • रक्षा निर्माण और सप्लाई चेन में साझेदारी को और मजबूत किया जाएगा।

यह सहयोग भारत के “मेक इन इंडिया” कार्यक्रम को बढ़ावा देगा और क्षेत्रीय सुरक्षा को और सुदृढ़ करेगा।

व्यापारिक संबंधों का विस्तार

भारत और इंडोनेशिया के बीच व्यापार तेजी से बढ़ रहा है। पिछले साल यह $30 बिलियन से अधिक हो गया। बैठक में दोनों देशों ने कई नए क्षेत्रों में सहयोग करने का निर्णय लिया:

  • ऊर्जा और खनिज: भारत और इंडोनेशिया ऊर्जा क्षेत्र और महत्वपूर्ण खनिजों के व्यापार में सहयोग बढ़ाएंगे।
  • विज्ञान और प्रौद्योगिकी: अंतरिक्ष अनुसंधान, नवाचार, और STEM (विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग, और गणित) शिक्षा में भागीदारी को बढ़ावा मिलेगा।
  • डिजिटल अर्थव्यवस्था: दोनों देश डिजिटल व्यापार और तकनीकी सहयोग को प्राथमिकता देंगे।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “हमारा लक्ष्य दोनों देशों के बीच व्यापारिक अवसरों को और व्यापक बनाना है।”

समुद्री सुरक्षा और क्षेत्रीय शांति

भारत और इंडोनेशिया ने समुद्री सुरक्षा पर एक समझौते पर हस्ताक्षर किए, जिसमें शामिल हैं:

  • समुद्री अपराध रोकथाम।
  • खोज और बचाव अभियान।
  • समुद्री क्षमता निर्माण।

पीएम मोदी ने अंतरराष्ट्रीय कानूनों के तहत इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में मुक्त और सुरक्षित नौवहन सुनिश्चित करने पर जोर दिया। यह समझौता इस क्षेत्र में सुरक्षा और स्थिरता बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण है।

आसियान और BRICS में सहयोग

प्रधानमंत्री ने इंडोनेशिया के BRICS में शामिल होने का स्वागत किया और इसे वैश्विक दक्षिण (Global South) के हितों के लिए लाभकारी बताया। दोनों देश BRICS, आसियान, और अन्य अंतरराष्ट्रीय मंचों पर मिलकर काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

यह बैठक भारत और इंडोनेशिया के रिश्तों में नए आयाम जोड़ने का एक अहम कदम साबित हुई है। दोनों देशों का यह सहयोग न केवल उनके आपसी संबंधों को मजबूत करेगा, बल्कि क्षेत्रीय और वैश्विक शांति और समृद्धि में भी योगदान देगा।

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